Wednesday, November 2, 2016

जब राजकुमार ने राजेश खन्ना और जीतेंद्र को फूंक निकाली।

-वीर विनोद छाबड़ा
एक थे सुल्तान अहमद। मुगल-ए-आज़म में के. आसिफ़ के सहायक हुआ करते थे। अपने पैरों पर खड़े हुए तो बड़ी-बड़ी फ़िल्में बनाने लगे, बड़े कलाकारों के साथ। सुनील दत्त, आशा पारेख और शत्रुघ्न सिन्हा के साथ 'हीरा' और अमिताभ बच्चन, रेखा, अमजद खान और प्राण के साथ 'गंगा की सौगंध' जैसी हिट फ़िल्में दीं। चैलेंज पसंद करते थे। किसी ने कह दिया जॉनी राजकुमार को लेकर फिल्म बनाएं तो मानें।
सुल्तान अहमद चढ़ गए पानी पर। तुरंत राजकुमार से संपर्क किया। उन्होंने कहानी सुनी और तुरंत तैयार हो गए। फिल्म का नाम रखा गया - धर्मकांटा (१९८२) . डकैत ड्रामा था। राजकुमार को ऐसे विषयों में खास दिलचस्पी भी थी। 
आराम से काम चल रहा था। आखिर एक दिन वो हुआ जिसका सबको इंतज़ार था। सेट लगा था। एक अहम सीन में राजकुमार के दायें और बायें क्रमशः राजेश खन्ना और जीतेंद्र को खड़ा होना था। वे दोनों ही राजकुमार के फैन थे। राजेश खन्ना तो उनके साथ मर्यादा (१९७१) में भी काम कर चुके थे। राजकुमार सीनियर और बड़े एक्टर थे। और स्क्रिप्ट के मुताबिक उनके बेटे भी थे। वे दोनों बड़े गर्व से राजकुमार के अगल-बगल खड़े हो गए।
शॉट होने से पहले मुस्कुराहटों का आदान-प्रदान हुआ। सुल्तान अहमद ने सीन समझा दिया। वो टेक लेने के लिए 'एक्शन' बोलने ही जा रहे थे कि अचानक राजकुमार साहब को जाने क्या सूझा। शॉट रोकने का इशारा किया।
राजेश खन्ना और जीतेंद्र की ओर घूर कर देखा। और फिर सुल्तान अहमद से बोले - जॉनी, ये हमारे आस-पास एक्स्ट्रा आर्टिस्ट क्यों खड़े हैं?
राजकुमार का इतना पूछना ही था कि सेट पर मानों बम फट पड़ा। भूचाल सा आ गया। राजेश खन्ना और जीतेंद्र बिगड़ गए।
राजकुमार बड़े आर्टिस्ट थे तो क्या हुआ उन दोनों की भी गुड्डी भी तो आसमान में ऊंची उड़ रही थी। विद्रोह हो गया, नहीं करना काम।
उधर राजकुमार पर इस विद्रोह का कोई असर नहीं हुआ। सुल्तान अहमद से बोले - हमने जो कहा, सही कहा। कुछ भी गलत नहीं, कुछ भी। समझे, जॉनी।
सुल्तान अहमद की हालत ख़राब। अगर आज का दिन शूट न हुआ तो सारा शेड्यूल बिगड़ जायेगा। पैसे का नुकसान होगा और फिल्म टाइम पर रिलीज़ भी नहीं हो पायेगी। मामला बिगड़ रहा था।

सुल्तान अहमद दिल के मरीज़ थे। इसी का वास्ता दिया। राजकुमार पसीज गए। राजेश खन्ना और जीतेंद्र को बुलाया। उनके कंधे पर हाथ रखते हुए बोले - देखो, हमने गलत नहीं कहा, बिलकुल नहीं। मगर हमारा मतलब गलत समझा गया। हमने कहा था, ये हमारे आस पास 'एक्स्ट्रा' यानी फालतू यानी बेज़रूरत में आर्टिस्ट क्यों खड़े किये हैं। स्क्रिप्ट में तो इनकी ज़रूरत का कोई ज़िक्र नहीं था। अरे आप दोनों तो बड़े एक्टर हो। कोई एक्स्ट्रा थोड़े हो। समझे जॉनी। चलो शूटिंग जारी करें।
मामला शांत हो गया। 
मगर जानकारों का कहना था कि जानी राजकुमार अपने मक़सद में कामयाब हो गए थे। उनका मक़सद राजेश खन्ना और जीतेंद्र की फूंक निकालना था। उन्हें शायद राजेश खन्ना और जीतेंद्र का अगर बगल गर्व से सीना फुला कर खड़ा होना पसंद नहीं आया था। यों भी राजकुमार को उड़ रहे आर्टिस्टों की फूंक निकालने में दिली आनंद मिलता था।
बहरहाल, धर्मकांटा बनी और हिट हुई।
---
Published in Navodaya Times dated 02 Nov 2016
---
D-2290 Indira Nagar
Lucknow - 226016
mob 7505663626

No comments:

Post a Comment