Tuesday, July 7, 2015

धर्मेंद्र - इसे कोई बीमारी नहीं, बस भूखा है।

-वीर विनोद छाबड़ा
लुधियाने का एक सीधा-सादा नौजवान। उन्नीस साल का था तो शादी हो गई। लेकिन अब भी सपने देखता था सिनेमा का हीरो बनने का।
लोगों ने खूब मज़ाक उड़ाया। कुश्तियां लड़ अखाड़े विच। अच्छा पहलवान बनेगा।
एक दिन एक दोस्त ने अख़बार की कटिंग दी- फिल्मफेयर टैलेंट हंट कंटेस्ट। कुछ तस्वीरें भेज दीं, जिसमें वो बहुत हैंडसम दिख रहा था।

दोस्तों ने भी कहा - सोणा सोणा।
कुछ दिन बाद चिट्ठी आई - आ जाओ। ऑडिशन और इंटरव्यू के लिए। और उस नौजवान ने थर्ड क्लास की टिकट खरीदी और पहुंच गया सपनों की नगरी बंबई। ऑडिशन हुआ। इंटरव्यू भी। उसे फिल्मफेयर का न्यू टैलेंट अवार्ड मिला।
इस नौजवान बंदे का नाम था धर्मेंद्र। सबने कहा - वाह वाह। बल्ले बल्ले। अब तेरे को काम की कमी नहीं रहेगी। रास्ते खुल गए हैं। जिधर जाएगा कामयाबी तेरे कदम चूमेगी।
लेकिन ऐसा हुआ नहीं। इस द्वारे से उस द्वारे। कोई कहता कि तू पिंड जा कर कुश्ती लड़। तो कोई ठंड रखने की सलाह देता।
थक गया धर्मेंद्र। बोरिया बिस्तर समेट घर वापसी की तैयारी कर ली कि अचानक पेट में बेहद दर्द उठा। यार लोग उसे डॉक्टर के पास ले गए। डॉक्टर ने कायदे से परीक्षण किया। पर्चे पर लिखा इसे कोई बीमारी नहीं।
दोस्त हैरान। धर्मेंद्र परेशान। डॉक्टर ने बताया - इसे भूख की बीमारी है। पेट बिलकुल खाली है। कुछ खिलाओ।
कुछ ही दिनों बाद धर्मेंद्र दोस्तों की मेहरबानी से खा-पी कर ठीक हो गए। वापस जाने की फिर तैयारी की ही थी कि एक फिल्म मिल गई।
हुआ यों कि एक प्रोड्यूसर को कम पैसे में काम करने वाला नया हीरो चाहिए था। अर्जुन हिंगोरानी भी धर्मेंद्र के साथ संघर्ष कर रहे थे। उन्होंने धर्मेंद्र का नाम सुझाया।
किस्मत बुलंद थी। दोनों को काम मिल गया। धर्मेंद्र को हीरो का और अर्जुन को डायरेक्टर का। फिल्म का नाम था - दिल भी तेरा हम भी तेरे।
आगे की कहानी तो इतिहास है। धर्मेंद्र चमकता सितारा बन गए। हीमैन से गरम-धरम और धरम पा'जी तक का लंबा सफ़र तय किया।
लेकिन अर्जुन से यारी नहीं टूटी। आज तक निभा रहे हैं। अर्जुन हिंगोरानी की हर फिल्म में धर्मेंद्र रहे। मसलन कब क्यों और कहां, कहानी किस्मत की, खेल खिलाड़ी का, कातिलो के कातिल, करिश्मा कुदरत का, सल्तनत, कौन करे क़ुरबानी और कैसे कहूं के - प्यार है।
अब यह बात दूसरी है कि अर्जुन ने पिछले १२ साल से कोई फ़िल्म नहीं बनाई है और दूसरों को सुखी रहने के तरीके बताया करते हैं।इधर धरम पा'जी काफ़ी ढीले ढाले रहे। मुद्दत बाद दिखें हैं - 'सेकंड हैंड हस्बैंड' में। कॉमेडी रोल में हैं। फिल्म की तो नहीं, हां धरम पा'जी की जम कर तारीफ़ हो रही है।
-----
07-07-2015 mob 7505663626
D-2290 Indira Nagar
Lucknow-226016

No comments:

Post a Comment