Wednesday, December 16, 2015

भैया यह कार है ट्रक नहीं।

- वीर विनोद छाबड़ा
हम पिछले १६ साल से कार चला रहे हैं। एक बार बदल भी चुके हैं।
अपनी कार में बैठने वालों की यों तो हम कई आदतों से परेशान हैं। लेकिन उसमें सबसे ख़राब आदत है, दरवाज़ा जोर से बंद करना है। कार न हो गयी मानों ट्रक गया।

बताईये, हमने पांच-छह लाख खर्च करके सपनों की रानी कार ख़रीदी। बड़े नाज़ों से रोज़ के रोज़ उसे नहलाया-धुलाया, झाड़ा-पोंछा और महकाया। लेकिन अगला, एक तो मुफ़्त में लदा और फिर ऊपर से उसे ट्रक समझ लिया।
क़सम से जब-जब और जिस-जिस ने जोर से दरवाज़ा बंद किया हमें लगा जैसे किसी ने जोर से हमारे कोमल गाल पर तमाचा जड़ दिया। कलेजा खींच कर बाहर निकाल लिया हो। जब हमारा यह हाल है तो न जाने कार के दिल पर क्या बीतती होगी।
कार का दरवाज़ा जोर से बंद करने वालों की फ़ेहरिस्त में सबसे आगे हमारी मेमसाब रही हैं। उसके बाद दूसरों की मेमसाहबों का ज़िक्र होता है। एक बार तो शीशा ही टूट गया। अभी कुछ दिन पहले की ही तो बात है यह। पूरे ढाई हज़ार का चूना लगा। चूंकि विक्रेता जान-पहचान का था अन्यथा ज्यादा जेब ढीली होती।  ज्ञानी-ध्यानियों ने यों ज़ोर से दरवाज़ा बंद करने का मतलब यही निकाला है कि जनानी गुस्से  में है।
बेदर्दी से दरवाज़ा बंद करने वालों को हमने कई बार सख़्ती से टोका भी है, लेकिन अगला खीं खीं कर हंस दिया - यार, बड़ा मज़ाकिया है तू भी।
इसीलिए हमारी कोशिश रही है कि कार रोकते ही हम फुदक कर सबसे पहले बाहर निकलते हैं और फिर झटपट दूसरे के लिए कार का दरवाज़ा खोलते हैं। हमारी इस अदा पर लोग ख़ुद को गौरवांवित महसूस करते हैं। इस सिलसिले में हमें यह भी मालूम है कि कार का यों दरवाज़ा खोलने का मतलब यह होता है कि पत्नी नयी है या फिर कार।
बहरहाल, ये बड़ी पृष्ठभूमि हमने एक छोटी सी ख़बर सुनाने के लिए तैयार की है।
ख़बर यह है कि स्विट्ज़रलैंड में कार का दरवाज़ा ज़ोर से बंद करना ठीक नहीं माना जाता। वहां की सरकार ने भी इसे ग़ैरक़ानूनी घोषित कर रखा है।

शोर-शराबा भी प्रदूषण का बड़ा कारण है। नींद नहीं आती। अवसाद उत्पन्न होता है। कई लोग बहरे तक हो जाते हैं। हमारा दायां कान पिछले सत्रह साल से परमानेंट छुट्टी पर है। बीमारों को परेशानी होती है। निशाचरों को न सोने का एक और बहाना मिलता है।
हमारी जानकारी में ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के सिलसिले में ढेर क़ानून-क़ायदे हैं। वर्तमान में प्रदूषण के प्रति सरकार संवेदनशील हुई है। हम उम्मीद करते हैं कि सरकार इसे सख़्ती से लागू करेगी। सरकार से गुज़ारिश है कि बराये मेहरबानी बेदर्दी से कार का ढक्कन बंद करने वालों को भी इसमें ज़रूर शामिल करें और अगर मुमकिन हो तो  कुछ दंड भी निर्धारित करें।
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16-12-2015 mob 7505663626
D-2290 Indira Nagar
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