Monday, August 10, 2015

ऐ भाई, ज़रा देख के चलो!

-वीर विनोद छाबड़ा
आप शरीफ़ इंसान हैं। आप लाख एहतियात बरतो। कितने ही काबिल हों। दुनिया के नंबर वन ही क्यों न हों। लेकिन ज़रा लखनऊ की सड़कों पर गाड़ी चला कर दिखाओ। खुर्रम नगर चौराहे से रहीम नगर और क़ैसरबाग़ से हुसैनगंज चौराहे होते हुए सदर तक चले जाएं। थर्ड गियर नहीं लगा पाएंगे। ऐसा ही हाल इधर आईटी से बादशाहनगर और पॉलीटेक्निक चौराहे होते हुए चिनहट तक है। निशातगंज से सीधा अमौसी तक चले जायें। तीसरा गियर लगाने की नौबत नहीं आएगी।

और बहुत खुशकिस्मत होंगे आप, अगर आपकी कार बिना ठुके वापस आ जाये। साइकिल, हाथी, पंजा या कमल फूल के झंडे वाली कोई सूमो-बुलेरो टाइप बड़ी सुव गाड़ी या सरकारी सफ़ेद अंबैस्डर बिना हॉर्न दिए आपके बगल से गुज़रेगी। आपका दिल धक् हो जायेगा। अगर संभले नहीं तो यकीनन आपकी कार को छील तो देगी ही । छह-सात हज़ार का चूना लगेगा डेंट-पेंट में। लोग सांत्वना देंगे - अरे साहब आप बच गए यही बड़ी बात। ऊपरवाले का शुक्रिया अदा करें।
अगर इनसे बचे तो गारंटी है कि कोई न कोई बाइक वाला दायें या बाएं से लहराता हुआ आएगा और आपको सन्न करता हुआ गुज़र जाएगा। अगर बाइक के पीछे सीट लड़की बैठी है तो फिर पूछिये मत। पहिये ज़मीन पर दिखेंगे ही नहीं। बस चले तो ऋतिक रोशन बन जाए और कारों की छत सड़क बना कर बाइक के करतब दिखाये। बिलकुल सच कह रहा हूं सुबह घर से निकलते समय भरपूर निगाह से घर परिवार को देख लेता हूं। शायद सलामत न लौट पाऊं।
अगर आपकी कार पर ज़रा सी भी खरोंच नहीं है तो इसका मतलब यह है कि आप कंजूस हैं। कार चलाते ही नहीं। हमेशा दूसरों की डिक्की में जगह तलाशने वालों में हैं।
मुझे १७-१८ साल पहले का एक किस्सा याद आ रहा है। वो शाहरुख़ खान की जवानी का ज़माना था। 'दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे' धूम मचा रही थी। हर तरफ़ बस शाहरुख़ खान का ही जलवा था।
जवानी के जोश में मतवाला एक नौजवान। वो भी बिना हेलमेट के। बाइक पर दायें-बायें ज़बरदस्त स्पीड लहराता हुआ उड़ा चला जा रहा था। कई कमजोर दिल और शराफ़त से ड्राइव करने वालों का कलेजा गले तक आ गया। कई के हार्ट फेल होते-होते बचे।

आखिर वही हुआ। भाई डिवाइडर से भिड़ गया। बाइक कई कलाबाजियां खाती हुई डिवाइडर पार कर ढेर हो गई और नौजवान कई फ़ीट उछल कर कूड़े से भरे नाले में। मगर कमाल है साहब कि बाइक भले ही चिथड़ा हो गयी हो लेकिन नौजवान की हड्डी-पसली सलामत रही। कूड़े ने बचा लिया उसे। कुछ खरोचें ज़रूर आईं। जनता तो हमारी बेहद मुलायम दिल वाली है ही। लपक कर उस नौजवान को नाले से निकाला। उसकी खैर-सल्लाह पूछी। कोई चिल्ला रहा था - जल्दी से हल्दी वाला दूध लाओ भाई।
इतने में कहीं से एक बाइक सवार पुलिस वाला प्रकट हुआ। शायद इंस्पेक्टर रहा होगा। उसने उस नौजवान के बाल पकडे और पूरी फ़ोर्स से एक झापड़ रसीद किया - साले, अपने को शाहरूख खान समझता है।
फिर उस पुलिस वाले भाई को जितनी भी गालियां याद थीं सब की सब भरी महफ़िल में बरसा दीं। वहीं एक दूकान से कहीं फ़ोन किया। दस मिनट के भीतर एक पुलिस वैन आई। नौजवान को कॉलर से घसीटते हुए अंदर फेंका। बाद में पता चला कि वो नौजवान कोई ऊंचे घराने से संबंधित था। उसे छोड़ दिया गया। मगर तब तक पुलिस चालान काटते हुए उसकी जम कर ठुकाई कर ही चुकी थी।
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10-08-2015 Mob 7505663626
D-2290, Indira Nagar,
Lucknow - 226016


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