Friday, August 14, 2015

रूठे रब को मनाना आसान है, रूठे यार को मनाना मुश्किल है।

- वीर विनोद छाबड़ा
अभी कल ही की तो बात है।
सुबह नींद ज़रा देर से खुली। देखा हमारे शहर लखनऊ में काले बदरा बहुत दिनों बाद मेहरबान हुए हैं। झमाझम बरस रहे हैं। अभी अख़बार नहीं आया है। पत्नी-बच्चे सो रहे हैं। बारिश के कारण बाहर वॉक भी संभव नहीं है।

सौभाग्य है कि बरसात के बावजूद से बिजली आ रही है। सोचा कोई ऑनलाइन अख़बार ही देख लूं। मगर आदतन सबसे पहले फेस बुक खोल दिया। मैं तुरंत लॉग ऑउट करना चाह ही रहा था कि मैसेज बॉक्स खुल गया।
देखा एक महिला थी। आपको को सुप्रभात। 
सुबह - सुबह कोई भद्र महिला मैसेज बॉक्स में आकर सुप्रभात कहे तो किसे काटता है? लगता है, दिन अच्छा बीतेगा!
नाम तो देशी था। याद पर ज़ोर डाला। मित्र सूची में भी नहीं थी। उत्सुकतावश प्रोफ़ाईल खोल कर देखा। कौन है ये मोहतरमा?
नाम, सूरत और पहनावे से महिला भद्र है। और युवा भी। तीस के आस-पास।
भांति-भांति की मुद्राओं से पूरा प्रोफ़ाईल भरा है। कुछ अच्छे थे, कुछ बहुत अच्छे और कुछ वाहियात।
तभी हमारे अंदर का शरीफ़ इंसान जागा। इरादा किया कि अभी डांटता हूं। आप मेरी मित्र नहीं हैं। सवेरे-सवेरे किसी मेरे जैसे सिक्सटी फोर प्लस भद्र पुरुष के मैसेज बॉक्स के रास्ते उसके कमरे में घुस कर सुप्रभात क्यों किया? मतलब क्या है?
इतने में चाय के साथ मेमसाब पीछे आकर खड़ी हो गयीं। कब आई? पता ही नहीं चला। वो हमेशा ऐसे ही आती हैं। बिल्ली की तरह दबे पांव। घर में पायल और सैंडिल-चप्पल आदि पहनती नहीं। इसलिये न कोई आवाज़ और न आहट सुनाई देती है।
अब आप समझ सकते हैं। आगे क्या हाल हुआ होगा? कैसा बीता होगा मेरा दिन?
इस उम्र में भी ऐसी तस्वीरें देखते शर्म नहीं आती? कोई देखे-सुनेगा तो क्या कहेगा? बच्चे बड़े हो गए हैं। कुछ तो शर्म करो। लोग कहते हैं यह फेस बुक और नेट-फेट पर यही सब दिखाया जाता है। यकीन नहीं होता था। मगर आज देख लिया.... 
बता नहीं सकता कि क्या-क्या नहीं सुना। और याद नहीं आता कि इससे पहले कभी इतना सुना था।
और रूठी पत्नी कैसे मनाया होगा, यह भी मैं ही जानता हूं। रूठे रब को मनाना आसान है, रूठे यार को मनाना मुश्किल। 
पर एक बात और क़ाबिले ग़ौर है।

पत्नी के रूठने की कोई उम्र नहीं होती। उसे भी मनाने और समझाने में उतना ही वक़्त लगता है जितना की नवेली पत्नी को। और हां, उम्रदराज़ होने के बावजूद रूठी पत्नी भी उतनी ही खूबसूरत लगती है, जितनी कि जवां।
नोट - एक अपडेटेड बीती दास्तां।

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14-08-2015 mob 7505663626
D-2290 Indira Nagar
Lucknow - 226016

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