Friday, June 24, 2016

भलाई का ज़माना नहीं रहा!

- वीर विनोद छाबड़ा
पार्क में बच्चे खेल रहे हों और झगड़ा न हो, यह हो नहीं सकता। ऐसा अक्सर होता ही रहता है। थोड़ी देर बाद सब शांत भी हो जाता है। आपस में ही झगड़ा सुलटा लेते थे।
उस दिन कुछ ज्यादा ही हो गया। मार-पीट हो गई। कई लोग तमाशा देख रहे थे। बड़े होने के नाते हमसे बर्दाश्त नहीं हुआ। अतः हमने हस्तक्षेप किया। लड़ते हुए बच्चों को अलग किया। एक का सर फट गया और दूसरे की टांग टूट गई। पांच-छह अन्य बच्चों को हाथ-पैर पर मामूली खरोचें लगीं। एक की कोहनी छिल गई। बच्चों को डॉक्टर के पास ले गए। मरहम-पट्टी कराई। डॉक्टर ने दवा भी दी खाने को। अच्छा-खासा पैसा भी खर्च हुआ। फिर उनको हम घर ले आए। चाय-नाश्ता कराया। उन्हें समझा-बुझा कर घर भेज दिया।
मेमसाब ने कहा - तुम कोई मजिस्ट्रेट हो मोहल्ले के कि करे कोई और भरे कोई। क्यूं कराई दवा-दारू। बच्चे जानें और उनके मां-बाप।
अभी मेमसाब का भाषण चालू था और हम उनको जवाब देने की तैयारी कर रहे थे कि दो सिपाही आ गए। आप होते कौन हैं? जानते हैं बच्चों के माता-पिता ने एक-दूसरे के ख़िलाफ़ रिपोर्ट दर्ज कराई है। अब यह पुलिस केस बन गया है। पुलिस की ड्यूटी थी मेडिकल कराने की। आप ख़ामख़्वाह ही बीच में चौधरी बन गए। अब चलिए पुलिस स्टेशन। दरोगा जी ने बुलाया है।

मेमसाब को और बोलने का मौका मिल गया। लो, अब भुगतो।
सिपाही हमें जीप में बैठा कर थाने ले गए। शुक्र है दरोगा जी सयाने किस्म के आदमी थे। फिर ऊपर से हमारे चेहरे से टपकती शराफत थी कि उन्होंने हमे शाबाशी दी कि अच्छे सिटीज़न की ज़िम्मेदारी का आपने निर्वाह किया है। उन्होंने दो घंटे तक हमें थाने पर बैठाए रखा। फिर हमारा नाम-पता नोट करवाया।
जब हम चलने लगे तो दीवान जी बोले - आप खुशकिस्मत हैं कि दो घंटे में छूट गए और ऊपर से शाबाशी भी पा गए। मालूम है दूसरे के फटे में हाथ डालने की सज़ा रात भर बैठाए रखने की होती है।
घर पहुंचे तो देखा मेमसाब घबड़ाई हुई बैठीं थीं। फौरन हल्दी वाला दूध ले आईं। हमने उनको बहुत मुश्किल से यकीन दिलाया कि थाने में हमको सिपाहियों ने पीटा नहीं है।
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24-06-2016 mob 7505663626
D-2290 Indira Nagar
Lucknow - 226016

1 comment:

  1. मेमसाब घबड़ाई हुई बैठीं थीं। फौरन हल्दी वाला दूध ले आईं।
    ...ख्याल तो मेमसाब ही रखती हैं, मानते हैं न आप .......
    करे भी क्या सबको यही खबर रहती हैं थाने में पिटाई होती हैं ...
    आपने बहुत अच्छा काम किया यही होना चाहिए ..
    सबको करना चाहिए....कम से कम एक बार जरूर सोचना चाहिए कि भगवान् न करे कल हमारे साथ कुछ ऐसा ही हो तो कौन आएगा आगे ..

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