Tuesday, February 28, 2017

बाबू जी मना करते हैं

-वीर विनोद छाबड़ा
सब्जी वाले ने कहा - आंटी जी लौकी ले लो। बहुत बढ़िया है और ये परवल भी।
मेमसाब ने कहा - नहीं भैया, बाबू जी नहीं खाते।
एक और साहब आये - बहनजी हम आ गए हैं। आपने बुलाया था, पुताई के लिए।

मेमसाब - नहीं भैया, अभी सर्दी बहुत है। बाबूजी मना कर रहे हैं।
कल्लू किरयाने वाला - राजमां, अरहर, उड़द, छोले, चने की दाल, चना साबूतसब रख दिया है। मूंग की दाल नही लिखाई थी। दे दूं।
मेमसाब - नहीं नहीं। बिलकुल नहीं। बाबू जी नहीं खाते।
सुबह सुबह गली में भंगार वाला चिल्ला रहा है - रद्दी, रद्दी दे दो, अख़बार, किताब, पुराना टीवी, कुकर, कूलरबहन जी रद्दी है?
मेमसाब ने दरवाज़ा खोला - हां है तो। मगर अभी कुछ दिन बाद आना। बाबूजी मना कर रहे हैं। कहते हैं, अभी थोड़ी और जमा हो जाए।
थोड़ी देर बाद दरवाज़े पर खट खट खट.
मेमसाब - क्या है भैया?
आगंतुक - जी हम प्लम्बर हैं। आपने कल कहा था एक्स्ट्रा टंकी के लिए।
मेमसाब - नहीं भैया, अभी नहीं लगवानी। सर्दी में पानी की क्या ज़रूरत? बाबूजी ने मना किया है।
दोपहर का समय है। दरवाज़े पर खट...खट...खट... होती है। 
मेमसाब - कौन है?
बाहर एक लड़का है। कहता है - आंटी जी हमारी गेंद आई है आपकी छत पर। ले लें?
मेमसाब - नहीं बिलकुल नहीं। रोज़ का धंधा है तुम लोगों का। सोने भी नहीं देते ठीक से। बाबूजी ने मना किया है कि अबकी बार गेंद आये तो मत देना।
आधा घंटा बीता न था कि दरवाज़े पर फिर खट...खट...खट 
मेमसाब बड़बड़ाती हैं - अब कौन आ मरा?…कौन है?
बाहर खड़ा आदमी कहता है -  जी केबल वाला।
मेमसाब - ये लो दो ढाई सौ। भैया क्या बात है?आजकल केबल बहुत जा रहा है? बाबूजी बहुत डांट रहे थे कि बंद करके डीटीएच लगवा लो।
ट्रिंग ट्रिंग ट्रिंग...इस बार मोबाईल की आवाज़ है।
मेमसाब - हेलोअरे सुमन कैसी हो?...क्या बताऊं?....तुम्हारे बाबूजी को टाइम कहां?…मैं तो हर वक़्त तैयार हूं....
मेमसाब आहट सुनकर बाहर आती हैं। पड़ोस में साड़ी वाला है। वो मेमसाब की ओर मुखातिब होता है - जी बहन जी। आप भी ये साड़ी ले लीजिये। एक्सपोर्ट क्वालिटी है। दोबारा नहीं आने की। एक्ससाइज़ भी बढ़ने जा रही है। अभी तो बहुत सस्ती है। सिर्फ दो हज़ार में।
मेमसाब - ना बाबा ना। बाबूजी मना करते हैं। इतनी महंगी नहीं पहननी।
नोट - पत्नियों को जब भी किसी से न करनी होती है तो पति के कंधे पर रख कर बन्दूक चलाती हैं। ऐसा रोज़ होता है। अगर ये सब फेरी वाले, प्रोविजन स्टोर वाले, इलेक्ट्रीशियन, प्लम्बर आदि मेमसाब के कथन पर यकीन कर लें तो दफ्तर से लौटते वक़्त बाबू जी रोज़ पिटें।
---
28-02-2017 mob 7505663626
D-2290 Indira Nagar
Lucknow - 226016

2 comments:

  1. दिनांक 02/03/2017 को...
    आप की रचना का लिंक होगा...
    पांच लिंकों का आनंदhttps://www.halchalwith5links.blogspot.com पर...
    आप भी इस चर्चा में सादर आमंत्रित हैं...
    आप की प्रतीक्षा रहेगी...

    ReplyDelete