Sunday, April 9, 2017

नहाना सेहत के लिए निहायत ज़रूरी

- वीर विनोद छाबड़ा
पिछले दिनों एक बढ़िया खबर आई थी। धोबी घाट, धोबी और गधों के दिन बस गिनती भर के ही बचे हैं। विदेशी वैज्ञानिकों ने ऐसे कपडे तैयार कर लिए हैं कि पानी में डालो और निकालो। हो गए साफ़। फिर धूप दिखाई नहीं कि सूख गये।

यह तो चमत्कार हो गया। हमारे जैसे अनेक निठल्लों के लिए तो वरदान है यह। हफ्ते-हफ्ते बाद कपड़े धोते हैं। गर्मी में भी एयर कंडीशन में बैठे रहते हैं। नहाने की ज़रूरत तभी पड़ती है, जब बिजली घंटों गुल रहती है। हम तो सर्दी में तो अंडरगार्मेंट सहित एक जोड़े के साथ पखवाड़ा तो निकल ही जाता है। सर्दी में पहने कपड़े गर्मी में उतारते और धोते हैं। 
हमारी मेमसाब मास्क लगा कर बगल से गुजरतीं हैं - छी छी। इतनी बदबू! तुम तो जानवरों से भी गए बीते हो। तुम्हें तो चिड़ियाघर में मगरमच्छ के बदबूदार तालाब में डालना सही होगा।
हमें दोस्त दरवाज़े से ही विदा कर देते हैं। तमाम तरह की खुशबूओं से तर होने के बावजूद ऑटो वाला हमें देखते ही ऑटो आगे बढ़ा लेता है। ऑटो गंदी हो जाएगी। 
हमारे प्रिय मित्र गण मज़ाक उड़ाते हैं। हम तो जुम्मे के जुम्मे वाले हैं, मगर तुम तो दिवाली में पहना और होली पर उतारने वालों में हो। वाह!
लेकिन इस नई ईजाद ने हमारी सारी मुश्किलें आसान कर दी हैं। जाड़ा हो या गर्मी। दो छींटें मारे कपड़ों पर, साफ़ हो गए। और फिर धूप को शक्ल दिखा दी बस। सूख गए। हो गया काम।
हमने तो आगे भी सोचना शुरू कर दिया है। काश कोई मशीन ऐसी भी ईजाद हो जाये जो मुंह में निवाला भी डाल दे और हम अपने कम्प्यूटर पर बैठे रहें।
हमने अपने एक ज़ईफ़ मित्र से मन की यह बात शेयर की तो उसने पलटवार कर दिया। निठल्लेपन की हद ही हो गई। फिर कहोगे ऐसी भी मशीन आ जाए जो पख़ाना भी खींच कर ले जाये।

यह कल्पना करते ही हमें घिनाई आ गई। हम फ़ौरन बाथरूम-कम-टॉयलेट में घुस गए। अच्छा हुआ कि ऊपर टंकी फुल्ल थी। गर्मी के दिन थे। अतः जम कर नहाये। हफ्ता भर की बदन पर चिपकी मैल उतर गयी और दिमाग पर पड़े निठल्लेपन का बोझ भी। बहुत प्रफुल्लित महसूस किया। नहाना सेहत और दिमाग के लिए बहुत ज़रूरी है। 

अपने मुल्क में दो राज्यों के मध्य नदियों के पानी के बटवारे को लेकर कई केस ट्रिब्यूनलों में लंबित है। और तो और पड़ोसी मुल्कों से भी नदियों के पानी को लेकर तनाव है। इंटरनेशनल कूटनीति के एक्सपर्ट्स कहना है कि हो सकता है कि पानी के लिए युद्ध भी हों। आने वाले दिनों में पानी की बहुत कमी हो जायेगी। इसलिए जितना नहा सकते हैं और नहा लें।
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09-04-2017 mob 7505663626
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