-वीर विनोद छाबड़ा
भारत ने दक्षिण अफ्रीका को १३० रन से हरा दिया। ये भारत के लिए बहुत बड़ी जीत है
और दक्षिण अफ्रीका की ज़बरदस्त हार। बधाई।
भारतीय दृष्टिकोण से ये छोटी-मोटी विजय नहीं। पाकिस्तान पर प्राप्त विजय से भी
कहीं बड़ी। मौजूदा दौर में सबसे अच्छी टीमों में एक। और उसे विश्वकप का फेवरिट भी माना
जा रहा था। वो हर डिपार्टमेंट में भारत से बीस था।
मैंने अपनी पिछली पोस्ट में ज़िक्र किया था कि इस मैच में भारत की हार या जीत तय
करेगी कि भारत का विश्व कप में भविष्य क्या होगा। अपनी पोस्ट में तीन-चार महत्वपूर्ण
बातें कही थीं-
१) दक्षिण अफ्रीका को फ़िक्र जयादा होगी अपना विजित रिकॉर्ड अक्षुण्ण बनाये रखने
के लिए।
२) स्पिन डिपार्टमेंट। दक्षिण अफ़्रीकी इस शस्त्र/तिलिस्म को आज तक नहीं समझ पाये
हैं।
३) एक दिनी में वही जीतता है जो उस दिन अच्छा खेले।
४) मैच के दिन ऊपरवाला किस मुल्क का बैठा है।
मगर मेरा ये नजरिया गलत हुआ कि यदि स्पिन पर सिर्फ अश्विन के भरोसे भारत रहेगा
तो नाकामी मिल सकती है। लेकिन अश्विन ने खोयी
लए पाकर मुझे गलत साबित कर दिया।
आज की जीत में अश्विन (३/४१) की स्पिन की महत्वपूर्ण भूमिका है।
तेज गेंदबाज शमी और मोहित द्वारा दो-दो विकेट चटकना कम महत्वपूर्ण नहीं था। कतिपय
विशेषज्ञ इन्हीं को हीरो मान रहे हैं।
फील्डिंग आज दोषरहित थी। सीमारेखा से सटीक थ्रो भी रहे। जिसकी बदौलत दो रन आउट
(डी विलियर्स और डेविड मिलर) किये। मेरे विचार से तो यही टर्निंग पॉइंट थे। बाल की
फ़ील्ड में अच्छी गैदरिंग भी रही।
दक्षिण अफ्रीका ने आज फिर साबित किया कि तमाम खूबियों के बावजूद वो तीन व अधिक
देशों के टूर्नामेंट वाले मैचों में जब प्रेशर गेम होता है तो वो चोक हो जाते हैं। वो भी ऐसी स्थिति में जब उनकी टीम ज़बरदस्त
फॉर्म में चल रही थी - दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाज़, लाजवाब पेस अटैक और
हवा में कैच लेने की अद्भुत क्षमता। लेकिन आज कुछ न चला। हैरान करती है उनकी आज की
परफॉर्मेस। दक्षिणी अफ्रीका की इतनी डरी हुई टीम कभी नहीं देखी गई।
शिखर धवन का शानदार शतक(१३७)। कोहली की ४६ रन की पारी और अजिंक्य रहाणे के चमत्कृत करते ७९ रन। शिखर धवन और विराट कोहली
(१२७ ) और शिखर और रहाणे (१२५) रन की दो शतकीय
साझेदारियां।
अगर पाकिस्तान के विरुद्ध कोहली के शतक के साथ सुरेश रैना का अर्धशतक न होता और
आज शिखर के शतक के साथ अगर रहाणे का अर्धशतक न होता तो भारत के लिए ३०० प्लस का स्कोर
बनाना मुश्किल होता। हालांकि भारतीय टीम की कमजोरी अभी बनी हुई है कि फिनिशिंग अच्छी
नहीं हो रही है। जहां बनने चाहिए वहां विकेट गिरते हैं। पच्चीस-तीस रन शार्ट बन रहे
हैं। पिछले दोनों मैचों में तो यही हुआ।
वास्तव में आज की जीत टीम इंडिया की जीत है। पाकिस्तान पर जीत के बाद एक मज़बूत
टीम पर लगातार दूसरी बड़ी जीत इशारा कर रही है कि वास्तव में टीम इंडिया का एक-एक खिलाडी
खेल रहा है। आज भारतीय स्क्रिप्ट के मुताबिक खेली।
दो मजबूत स्तंभ गिर चुके हैं। अगर भारत इसी भावना से खेलता रहा तो ये निश्चित है
कि पूल की अन्य टीमों - यूएई, वेस्ट इंडीज़ और आयरलैंड को हराना ज्यादा मुश्किल नहीं है। लेकिन इन टीमों को हलके
में लेना बड़ी भूल भी हो सकती है।
आज तो ऊंठ ने भारत के पक्ष में करवट ली है। देखना है कि आगे क्या होगा।
-वीर विनोद छाबड़ा २२-०२-२०१५
No comments:
Post a Comment