Thursday, February 26, 2015

निहायत ही खूसट किस्म का आदमी!

-वीर विनोद छाबड़ा

बहुत साल पहले पढ़ा एक लतीफ़ा याद आया है आज।

अपने शब्दों में पेश कर रहा हूं।

एक सज्जन की पत्नी बहुत खूबसूरत थी। शादी हुए अभी महीना भर भी न गुज़रा था। एक साहब ने उनकी पत्नी की खूबसूरती की तारीफ़ कर दी। न जाने क्यों उन्हें पत्नी की नेक-नीयती पर शक हो गया - इतनी खूबसूरत पत्नी के आशिक़ ज़रूर रहे होंगे और उन्हीं में किसी एक आशिक़ से पत्नी के भी ताल्लुकात रहे होंगे। और हो सकता है कि अभी तक ये ताल्लुकात जारी हों।

उन सज्जन की रातों को नींद उड़ गयी। जब भी आँख बंद करें पत्नी को किसी गैर-मर्द की आगोश में पाते। नींद आती भी तो सपने में बड़बड़ाते।

पत्नी बार-बार पूछती - जबसे शादी हुई है। आप परेशान हैं। कुछ तो बताइये।

लेकिन वो सज्जन असली बात बता कर बेवफ़ा पत्नी को अलर्ट करना नहीं चाहते थे, बल्कि रंगे-हाथ पकड़ना चाहते थे। कई जतन किये। खुद जासूसी की। उसके ऑफिस जब-तब बिना पूर्व सूचना के पहुंच जाते उसे हैरान करने के लिए। मगर हासिल कुछ नहीं कर पाये।

शक़ यकीन में बदलता गया। उन्होंने तय किया कि पत्नी को तलाक़ दे देंगे, बस एक पुख्ता सबूत मिल जाए। इस प्रयोजन हेतु उन सज्जन ने एक प्राइवेट जासूस कंपनी को फ़ोन किया। और डिटेल में सारी बात बतायी।

जासूस शिरोमणी नाम की उस कंपनी के चीफ ने कहा - ठीक है। मामला संगीन है। मैं खुद जासूसी करूंगा। ऐसे बड़े-बड़े केस पकडे हैं मैंने। कुछ आपने बताया वो लिख कर भेज दें और साथ में पत्नी की तस्वीर भी रख दें। पंद्रह दिन में रिपोर्ट मिल जायेगी उस प्रेमी के साथ अय्याशियां करते।

पंद्रह दिन बाद जासूस शिरोमणी कंपनी की और से उन सज्जन को एक लिफाफा मिला। ये जासूस की रिपोर्ट थी।


लिखा था - हर तरह से मुमकिन जासूसी की गई। कुछ भी ऐसा-वैसा नहीं मिला। आपकी पत्नी के किसी से कोई गैर-वाज़िब ताल्लुकात नहीं हैं। वो गंगा की तरह पवित्र है। हां, एक खूसट किस्म का आदमी, उसके आगे-पीछे हर वक़्त घूमते देखा गया। कोई बेवकूफ किस्म का सनकी, सिरफिरा और सिड़ी आदमी है। बिलकुल चुगद है। इसलिए जान-माल का खतरा है। अगर पिटवाना हो तो बताइये। मगर इसके लिए खर्च अलग से देना होगा। उसे जल्द से जल्द सलाखों के पीछे पहुंचाना निहायत ज़रूरी है। उस सिरफिरे बंदे की तस्वीर भी इस रिपोर्ट के साथ नत्थी लिफाफे में है।

उन सज्जन ने बड़ी उत्सुकता से नत्थी लिफाफे में तस्वीर निकाल कर देखा तो उनके होश उड़ गए।

ये उनकी अपनी ही तस्वीर थी।
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-वीर विनोद छाबड़ा
डी० २२९० मुंशी पुलिया
इंदिरा नगर,
लखनऊ - २२६०१०

मोबाइल ७५०५६६३६२६   

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