Friday, February 27, 2015

कोई चमत्कार ही यूएई के विरुद्ध टीम इंडिया को हरा सकता है।

-वीर विनोद छाबड़ा

विश्वकप क्रिकेट में कल टीम इंडिया का दिन कैसा होगा?

मुक़ाबला यूएई से है। ग्रुप - बी में वो पाकिस्तान से बॉटम में पाकिस्तान से ऊपर है। दो मैचों से  उसके पास कोई पॉइंट नहीं है। लेकिन रन रेट ने उसे पाकिस्तान से पहले जगह दी है।

टीम इंडिया की परफॉरमेंस अब तक सुपर्ब रही है। एक रोहित शर्मा को छोड़ कर। मुझे ऐसा लगता है अगर रोहित की टीम में जगह बनी रही तो कल का दिन रोहित का होगा।


वर्ल्ड कप में कोई भी दिन रिलैक्स करने का नहीं होता और कोई भी टीम हल्की नहीं होती। चाहे वो ग़ैरमुल्की खिलाड़ियों से बनी यूएई जैसी टीम ही क्यों न हो।  साउथ अफ़्रीका को हराने के बाद से अब तक के दिनों में टीम इंडिया ने दो दिन छुट्टी मनाई है। ये छुट्टी अपने से काफी कमजोर टीम को सामने देख कर दी गयी है। अगर सामने वेस्ट इंडीज होती तो शायद ये रिस्क नहीं लिया जाता। मेरे विचार से यूएई को भी वही भाव देना चाहिए था।  

यूएई की टीम के पास खोने को कुछ है नहीं और पाने को बहुत कुछ है। जबकि टीम इंडिया को अपनी रेपुटेशन की फ़िक्र ज्यादा होनी चाहिए। इस नाते टीम इंडिया पर जीत का सिलसिला बनाये रखने का भार ज्यादा है। इस सिलसिले में मुझे कछुए - खरगोश की वो प्रसिद्ध कहानी याद आती है जिसमें तेज़ तर्रार खरगोश ने ये कछुए को सुस्त समझ कर नींद की झपकी लेने की ऐतिहासिक भूल कर दी थी। और कछुआ जीत गया था।

एक दिनी में अगर टीम मैदान में उतर गयी तो रचित प्लान में फेर बदल की गुंजाईश कम ही होती है।

क्रिकेट में कुछ अलिखित नियम हैं। मामला एक दो टीमों का नहीं। १४ टीमों के मध्य है। किसी को कमजोर मत समझो और जितनी बुरी तरह पीट सकते हो पीटो। इतना ज्यादा कि अगले मैच में वो बेदम और टूटे-फूटे मनोबल के साथ खेले। टीम इंडिया को इस तथ्य की जानकारी तो है ही।

टीम इंडिया एडवांटेज पर है, उसे विनिंग कंबीनेशन के साथ ही खेलना चाहिए, तब तक जब तक कि सेमीफाइनल में जगह पक्की न हो जाए। परंतु तेज गेंदबाज़ मो.शमी चोटिल हैं। वो इस मैच में नहीं खेलने जा रहे। ये अच्छी खबर नहीं। फिर इसका असर पूरे मैच के आसार पर पड़ने नहीं जा रहा है। 


यूएई के मुकाबले टीम इंडिया हर डिपार्टमेंट में मज़बूत है। थिंक टैंक भी बेहतर है। भारत के अब तक की दोनों जीत में शानदार फील्डिंग, कैचिंग और थ्रोइंग की ज़बरदस्त भूमिका रही है। इसे उसी रूप में मैं देखना चाहूंगा। अन्यथा अच्छे दिनों की 'घर वापसी' हो सकती है - जैसी कि हालिया ऑस्ट्रेलिया दौरे में टेस्ट और ट्राई-सीरीज़ में बेहद घटिया किस्म की परफॉरमेंस।

क्रिकेट को शानदार अनिश्चितओं का खेल कहा जाता है। चमत्कार भी इसमें होते रहते हैं। कल कुछ ऐसा ही हो तभी टीम इंडिया हार सकती  है, अन्यथा नहीं।

-वीर विनोद छाबड़ा २७-०२-२०१५

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