Tuesday, April 18, 2017

और चोर पकड़ा गया

- वीर विनोद छाबड़ा
उन दोनों का प्रेम विवाह था। लेकिन पहले ही दिन से दोनों में झगड़ा शुरू हो गया।
दरअसल पत्नी को शक़ था कि उसके पति के संबंध कई लड़कियों से हैं। 
तीस साल गुज़र गए। मगर झगड़ा करने और शक़ करने की बीमारी गयी नहीं। उनके झगडे से परेशान होकर उनका एकमात्र बेटा अपनी पत्नी और बच्चों के साथ घर छोड़ कर चला गया और पड़ोस में ही किराये पर रहने लगा।
पति को नींद नहीं आती थी। वो रातों को उठ कर टहलने के लिए छत पर चला जाता था। लेकिन पत्नी को शक़ था कि उसके पति के जवान नौकरानी से संबंध हैं और रातों को टहलने के बहाने उसके कमरे में जाता है।
उस दिन पत्नी ने जासूसी करने की ठानी। बच्चू को रंगे हाथ पकड़ूंगी।
पत्नी ने उसने चालाकी की। नौकरानी को चुपचाप छुट्टी दे दी। पति को इसकी भनक तक न लगने दी।
रोज़ की तरह रात नींद न आने की समस्या से ग्रस्त पति उठा। फ्रिज खोल कर पानी पिया और छत की ओर बढ़ गया।
इधर पत्नी बड़ी फुर्ती से नौकरानी के कमरे में घुसी। और उसके पलंग पर मुंह तक चादर ओड़ कर सो गयी।

थोड़ी देर में उसे आहट हुई। लगा कोई आदमी कमरे में घुसा है। पत्नी ने सोचा यह ज़रूर मेरा पति होगा। पत्नी को महसूस हुआ कि कोई आदमी आहिस्ता से उसके साथ लेट गया है। उसने उसे बाहों में भर भरा। पत्नी ने सोचा यह मेरा पति ही है। यही वक़्त है उसे रंगे हाथ पकड़ने का। पत्नी चीख उठी - चोर चोर। पकड़ो पकड़ो।
इसके साथ ही पत्नी ने उछल कर बत्ती जला दी।
वो उस आदमी को देख कर हैरान रह गयी। फटी फटी आंखों से उसे देखने लगी। 
वो आदमी भी हैरां-परेशां हो गया। उसकी भी आंखें फटी हुईं थीं।

वो आदमी उसका पति नहीं था। वो आदमी पड़ोस में रहने वाला उसका बेटा था।  
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19-04-2017 mob 7505663626
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D-2290 Indira Nagar
Lucknow - 226016

3 comments:

  1. आखिरी लाइन पढ़ कर हस्ते हँसते पेट मेदर्द हो गया

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  2. सर जी पूरी पोस्ट ब्लॉग के साथ साथ फेसबुक पर भी लिखे हर कोई ब्लॉग तक नहीं पहुँचता

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  3. आखिरी लाइन पढ़ कर हस्ते हँसते पेट मेदर्द हो गया

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