Tuesday, April 7, 2015

जब चार्ली ने महिला गायब की!

-वीर विनोद छाबड़ा
चार्ली चैपलिन, दुनिया के महान विदूषक! उनका नाम लेते ही मुस्कुराने को दिल चाहेगा और सूरत देखते ही हंसी के फव्वारे के साथ गले लगाने का मन करेगा।
हास्य के प्रति उनका सौंदर्यबोध गज़ब का रहा।

एक दिन उनके पटकथा लेखक मित्र चार्ल्स मैकआर्थर ने उनसे सलाह मांगी - एक मोटी महिला केले के छिलके पर पैर रखते ही फिसल गयी। यह दृश्य हज़ारों दफ़े दिखाया चुका है। दर्शक को कुछ नया दिखाया जाए इसमें। मगर समझ में नहीं आ रहा।
चैपलिन ने संजीदगी से कहा - बिलकुल बजा फरमाया आपने। क्या लिखा है आपने अब तक इस सीन में।
चार्ल्स मैकआर्थर - मैंने दो विकल्प दिए हैं -
१) पहले केले का छिलका, फिर मोटी महिला और फिर मोटी महिला को फिसलते हुए दिखाया है।
२) पहले महिला, फिर केला और उसके बाद महिला को फिसलते हुए दिखाया है।

चार्ली चैपलिन बोले - रुको तीसरा विकल्प मैं बताता हूं। पहले मोटी महिला को दिखाओ। फिर आएगा केले का चिलका और आखिर में वो महिला उस छिलके पैर रखते ही फिसली और फिसलती हुई एक खुले मैनहोल में गिर कर गायब हो गयी। 
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vir vinod chhabra
07-04-2015  

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