-वीर विनोद छाबड़ा
जोर-शोर से भद्रजनों की पार्टी चल रही है। मौका मैरिज की सिल्वर जुबली का है।
लाइट म्यूजिक है। डांस फ्लोर पर कई नौजवान लड़के-लड़कियां थिरक रहे हैं। वीडिओ के
साथ-साथ और स्टिल फोटोग्राफ़र भी पार्टी को कवर कर रहा है।
स्टिल कैमरा चिल्ल-पों मचाती युवतियों के एक झुडं की और मुड़ा।
एक ने मुंह पर हाथ रख लिया - न बाबा न.…मेरी फोटो नहीं खींचना… मुझे अच्छा नहीं लगता...यों भी मेरी फोटो अच्छी नहीं आती.…
सहेली कहती है - वाह वाह! कितना सुंदर और फोटोजेनिक फेस है तेरा… वो पिछली रोमा वाली पार्टी याद है.…पता है सबसे अच्छी तेरी ही फोटो थी.…वो मेरा लंदन वाला कज़िन
तो मर मिटा था.… तेरा एड्रेस और मोबाइल नंबर.…
वो बात काटती है - चल हट झूठी...इसकी न मानना… ये फेंक रही है.…सच में मैं सच्ची कह रही हूं...
सारी सहेलियां उठ खड़ी होती हैं - झूठी, झूठी, झूठी…
वो मुखड़ा फिर छुपा लेती है।
सब सहेलियां ज़बरदस्ती उसके हाथ मुखड़े से हटा देती हैं।
वो रूठ जाती है। फिर अचानक उसे महसूस होता है कि ये ओवर हुआ जा रहा है। वो सिर
झटकती है - अच्छा तो ठीक है.…खींच लो फोटो…ज़रा ठहरो…
वो पर्स से कंघी निकाल बाल संवारती है।
फोटोग्राफर कैमरा क्लिक करने को हुआ ही था कि.…
रुको....पर्स एक बार फिर खुलता है.…फेस पाउडर लगाती है.… फोटोग्राफ़र बोलता है - यस मैडम रेडी?
बस भैया एक मिनट …
इस बार पर्स से लिपस्टिक निकाल होटों पर फेरी जाती है।
कैमरा फिर तैयार हुआ ही था कि.....
रुको, रुको…ज़रीना जरा आई शैडो वाली पेंसिल तो देना…
यस रेडी मैडम....
भैया रुकना, बस वन लास्ट टाइम प्लीज़…
उन्होंने काला चश्मा लगाया। ठीक साथ वाली सहेली को कंधे से तनिक पीछे धकेला। फिर
तिरछी होकर थोबड़ा आगे निकाला…
यस मैडम ये परफेक्ट पोज़ है.…
तभी मैडम को कुछ और याद आता है.…
भैया, ज़रा रु.…
लेकिन तब तक क्लिक का बटन दबा कर फोटोग्राफ़र वहां से उड़नछू हो चुका था।
दूसरे दिन जब तस्वीर देखी गयी तो बाकी के चेहरे तो बहुत अच्छे थे मगर मैडम का मुंह
खुला था। उस वक़्त वो कैमरामैन को रुकने के लिए कह रही थीं।
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20-01-2016 mob 7505663626
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Lucknow - 226016
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