Tuesday, November 8, 2016

अहंकार के होते हुए सच्चे मित्र नहीं मिलते

प्रस्तुति - वीर विनोद छाबड़ा
फोर्ड मोटर कंपनी के मालिक हेनरी फोर्ड ने बहुत धन दौलत कमाई। उसी हिसाब से बेहिसाब शोहरत भी। तमाम कामयाबियां उनके कदम चूमने लगी। उस दौर में उनकी कंपनी की बनी कारों की तूती बोलती थी।

जब लगा कुछ उपलब्धि अब प्राप्त करनी बाकी नहीं रही तो एक पत्रकार ने हेनरी से पूछा - अब कुछ और पाने की ख्वाईश बाकी है?
हेनरी ने कुछ सोचते हुए कहा - हां, मेरे पास समझदार मित्रों की बहुत कमी है। मेरा कोई ऐसा सच्चा मित्र नहीं है जिससे मैं अपने दुःख, निजी समस्याएं शेयर कर सकूं। सामाजिक, आर्थिक और आर्थिक मुद्दों पर विचार कर सकूं। और वो मुझे अच्छी सलाह भी दे सके। अगर मुझे दोबारा जीवन शुरू करने का मौका मिलेगा तो सबसे पहले मैं कुछ ऐसे ही अच्छे मित्र तलाश करूंगा। इस तलाश के लिए मैं बेहिसाब धन भी लुटा सकता हूं।

पत्रकार मुस्कुराया - तब तो आपको सैकड़ों मित्र ज़रूर मिलेंगे, मगर सच्चे और समझदार मित्र नहीं मिलेंगे।
हेनरी हैरान हुए और उनको गुस्सा भी आया - क्यों नहीं मिलेंगे? पैसा क्या नहीं कर सकता?
पत्रकार ने कहा - धन से आप दुनिया भर की नियामतें खरीद सकते हैं लेकिन सच्चा दोस्त नहीं मिल सकता। इसकी प्राप्ति में आपके पैसे का अहंकार बाधक है। इसका त्याग करिये। फिर देखिये आपको मनचाहे मित्र मिल जाएंगे।
हेनरी ने पत्रकार को देखा और महसूस किया कि वो ठीक कह रहा है। उन्होंने बड़ी बेबाकी से कबूल करते हुए कहा - मैं शर्मिंदा हूं।
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08-11-2016 mob 7505663626
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