Thursday, August 20, 2015

आल इंडिया पत्नी पीड़ित संघ! ना, बाबा ना।

-वीर विनोद छाबड़ा
हमें अभी थोड़ी देर पहले एक भक्त ने फ़ोन किया - गुरू जी, बढ़िया ऑफर है? जनरल सेक्रेटरी या प्रेजिडेंट जो चाहें ले लें। च्वाईस आपकी। अच्छा संगठन है। लेकिन पोस्ट ऑनरेरी है।
हमने पूछा - संगठन का नाम।

भक्त ने पुलकित होते हुए बताया - ऑल इंडिया पत्नी पीड़ित संघ।
जैसे मन-चाही मुराद मिल गयी हो। लपक कर 'हां' करने ही जा रहे थे कि अचानक हमें खटका हुआ। कुछ साल पहले भी ऐसा ही एक संघ बना था। एक आल इंडिया लेवल के हास्य कवि उसके अध्यक्ष थे। बड़ा ख़राब हश्र हुआ उनका। पत्नी ने उनका खाना-पीना बंद कर दिया। दहेज़ उत्पीड़न का मुक़दमा भी चला दिया। कोर्ट में बड़ी मुश्किल से मामला सुलटा।
याद आते ही हमारे पसीने छूट गए। अपने भय को दबाते हुए दबाते हुए हमने कहा - सोच कर बताऊंगा। 
अब हम कैसे बतायें कि पत्नी लाख हिटलर हो, लेकिन खाना तो अच्छा बनाती है। पेंशन में भी घर पहले की तरह चलाती है और बचत भी करती है। हाट बाजार सब उसी के ज़िम्मे है। उसके अकाउंट में भी मुझसे ज्यादा पैसे हैं। डबल एमए है। अभी-अभी दो एडिशनल कमरे बनवाये हैं। उसकी आर्किटेक्ट, डिज़ाइनर, ठेकेदार आदि वही है। हम तो पालथी मार कर फेस बुक की आभासी दुनिया में अपना ज्ञान बघारते रहे।

ये ऐसे पॉइंट हैं कि मैं वारी-वारी जाता हूं।
ऐसे पत्नी विरोधी संघ के शीर्ष पदाधिकारी बन कर हम पैर पर कुल्हाड़ी मारना नहीं चाहते, भाई।
किसी और माई के लाल में हिम्मत हो तो उसे आगे ले आओ। 
हां, हम पीछे की बेंच पर पर्यवेक्षक की भांति बैठने के लिए तैयार हैं।
-----
20-08-2015 Mob 7505663626
D-2290 Indira Nagar 
Lucknow - 226016


No comments:

Post a Comment