Sunday, August 14, 2016

पैंट का घुटन्ना

- वीर विनोद छाबड़ा
हम जब भी किसी को घुटन्ना यानि बरमुडा यानि घुटने के नीचे वाली हॉफपैंट पहने हुए देखते हैं तो हमें बरबस पुराने ज़माने का एक लतीफ़ा याद आ जाता है।

एक जनाब पिंटू थे। एक चलती-फिरती दुकान से रेडीमेड जीन्स की पैंट खरीद लाये। पहन कर देखा तो छह इंच लंबी निकली। अब चूंकि चलती-फिरती दुकान थी तो उसका एक जगह टिकना भी मुमकिन नहीं था। लेकिन फिर भी पिंटू जी ने हफ्ते भर रोज़ाना शहर के चार चक्कर लगाए। थक-हार कर अध्यापिका पत्नी से अनुरोध किया - पैंट सिर्फ़ छह इंच छोटी कर देना प्लीज।
व्यस्त पत्नी ने कहा - अभी तो बच्चों की होमवर्क कॉपियां चेक कर रही हूं। स्कूल से लौटने के बाद कर दूंगी। डाल दो आंगन में बंधी रस्सी पर।
पिंटू जी को गुस्सा आया। शाम को स्कूल से थकी-हारी आयेगी। बहाना बनाएगी कि थक गयी हूं। खाना खाकर कर दूंगी। लेकिन सो जायेगी। फिर कहेगी, हाय मैं तो भूल गई। क्यों न मां से कह दूं। दिन भर खाली बैठी मक्खियां मारा करती है।
लेकिन मां ने भी मना कर दिया - अभी मैं पूजा कर रही हूं। दो घंटे लगेंगे। पैंट डाल दे आंगन में बंधी रस्सी पर।
पिंटू जी को विश्वास न हुआ कि मां को पूजा के बाद याद भी रहेगा कि नहीं। बूढ़ी हो चली है। कई बार खाने का ख्याल नहीं रहता। क्यों न छोटी बहन से कह दूं। पढाई में इसका दिल तो लगता नहीं है। दिन भर रेडियो पर गाने सुनती रहती है। इसी बीच मेरा काम भी हो जाएगा। 
लेकिन बहन ने भी मना कर दिया - न भैया, मेरा कल टेस्ट है। अभी मुझे याद करना है। पैंट डाल दे आंगन में बंधी रस्सी पर। दो घंटे बाद छोटी कर दूंगी।
पिंटू जी झुंझला उठे। अब सिर्फ बड़ी भाभी ही बची हैं। बड़े भैय्या को ऑफिस भेजने के बाद उन्हें तो फुरसत ही फुरसत रहती है। बेमतलब इधर-उधर पंचायत में टाईम पास किया करती हैं। 

लेकिन बड़ी भाभी ने भी तुरंत काम करने से मना कर दिया - नहीं बाबा, आज तो बिलकुल टाईम नहीं है। मुझे मायके जाना है। मेरी भाभी आयी हुई हैं। जल्दी लौट आयी तो पैंट छोटी कर दूंगी। आंगन में बंधी रस्सी पर डाल देना।
पिंटू जी को इत्मीनान हो गया। किसी न किसी को तो टाईम मिलेगा ही। पैंट आंगन में बंधी रस्सी पर डाल दी। 
शाम को जब पिंटू जी घर लौटे तो पत्नी ने बड़े खुश-खुश कहा कहा - बाहर रस्सी पर डाल दी है तुम्हारी पैंट। जैसा तुमने कहा था, मैंने छह इंच छोटी कर दी है।

पिंटू जी ने जब पैंट देखी तो पछाड़ खा कर गिर पड़े। एक ने नहीं सभी ने पैंट को छह छह इंच छोटा कर दिया था। पैंट घुटने तक छोटी हो चुकी थी। और वो पैंट नहीं घुटन्ना बन चुकी थी। 
---
14-08-2016 mob 7505663626
D-2290 Indira Nagar
Lucknow - 226016

No comments:

Post a Comment