Thursday, August 4, 2016

पोस्ट ऑफिस को अभी मीलों चलाना है।

- वीर विनोद छाबड़ा 
हम पोस्ट ऑफिस की स्कीमों से हमेशा घबराते रहे हैं।
एजेंट मित्र की सलाह पर कभी बच्चों के नाम पर किसान विकास पत्र खरीदे थे। परिपक्वता अवधि ख़त्म हुई तो फिर इन्वेस्ट कर दिया। चलता रहा इसी तरह। सर्टिफिकेट कहीं इधर-उधर रख दिए। कोई हफ्ता भर हुए दिख गये। साल भर से ऊपर हो गया था, परिपक्व हुए। बेटा भी बाहर से आया हुआ था। हमने एजेंट मित्र को फ़ोन किया। कहने लगा अब सिस्टम चेंज हो चुका है। जिसके नाम है उसे स्वयं उपस्थित होना होगा, आईडी प्रूफ के साथ।
GPO Lucknow
हमारे मन में तरह तरह के ख्याल उठे, भ्रांतियां भी। सुना था परेशान बहुत करते हैं। चाय-पानी की एवज़ कुछ दीजिये तभी काम होगा।
खैर, हम बच्चों को लेकर पहुंचे जीपीओ। विशाल भवन। अंग्रेज़ों के ज़माने का भव्य स्ट्रक्चर। पहले भी कई बार आये हैं। लेकिन इस बार कई साल बाद आये तो बदला हुआ दिखा, साफ़-सुथरा भी। सुख से पार्किंग मिल गयी। हजरतगंज क्षेत्र में कहीं पार्किंग का मिलना बहुत बड़ी उपलब्धि कहलाती है। अंदर अनगिनित काउंटर। लंबी लंबी लाईनें। शुक्र था कि हमारे नियत काउंटर पर दो ही लोग थे। जैसे ही हमारा नंबर आया। काउंटर बंद। आज सैटरडे है। सिर्फ एक बजे तक काम होता है।
मंडे को पहुंचे। आठ-दस लोग लगे थे पंक्ति में। हमारा नंबर आया तो काउंटर बंद। तीन बज गया है। हमने कहा, भलेमानुस इतनी प्रतिबद्धता तो बैंक में भी नहीं होती। लेकिन वो न माना। नियम तो नियम है। ऊपर के अधिकारी भी तो उठ चुके हैं। मैं अकेला किस काम का।
अगले दिन हम सुबह दस बजे ही पहुंच गये। सयानों की कमी नहीं है। पहले से ही पंद्रह लोग मौजूद थे। एक घंटा लगा। हमारा काम हो गया। रसीद देते हुए बंदे ने कहा चेक के लिए कल आयें।
हम फिर अगले दिन पहुंचे। काउंटर पर भीड़ थी। जैसे-तैसे हमने काउंटर पर बैठे बंदे को शक्ल दिखाई। उसने अंदर बुला लिया। रजिस्टर पर दस्तखत करें और चेक ले लें। देखा कि परिपक्वता के पश्चात के अवधि पर भी ब्याज जोड़ा हुआ है। दिल खुश हुआ।
हमने बंदे का नाम पूछा। उसने बताया - भुवनेश्वर। हमने उनका नाम लेते हुए उसे धन्यवाद दिया। तेज क़दमों से बाहर आये। स्टैंड वाले ने कहा - बड़ी जल्दी चले दिए। 
लौटते हुए हम खुद से बात करते रहे। कहीं कोई दिक्कत हुई क्या? बेकार ही डर रहे थे कि बिना कमीशन दिए काम नहीं होगा। अब यह तुम्हारी नालायकी है कि टाईम रहते क्यों नहीं आये? यह कोई बैंक तो है नहीं कि चार बजे तक खुले रहे और जहां टोटल वर्क कंप्यूटराइज्ड हो चुका है। खड़े-खड़े एफडी बन गयी या पेमेंट हो गया। पोस्ट ऑफिस में भी कम्प्यूटर हैं। लेकिन पोस्ट ऑफिस को बैंक बनने के लिए अभी कई मील चलना है। 
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04-08-2016 mob 7505663626
D-2290 Indira Nagar
Lucknow - 226016

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