Sunday, April 3, 2016

बधाई वेस्ट इंडीज़.

- वीर विनोद छाबड़ा
मैंने क्रिकेट के जनक इंग्लैंड पर दांव लगाया था और १९ वें ओवर तक इंग्लैंड ही आगे था।
०६ गेंद और १९ रन। ३९ ओवर तक बैट्समैन स्ट्रगल करते रहे। मुझे लगा था कि अगली दो गेंद में मैं विजेता घोषित हो जाऊंगा। मैं भूल गया था कि यह क्रिकेट है प्यारे। इसका एक अलिखित नियम कहता है जब तक गेम ख़त्म न हो जश्न न मनाओ।

इन हालात में वेस्ट इंडीज़ की जीत की भविष्यवाणी कोई बड़ा और दिलेर जुआड़ी ही कर सकता था। और जिसने भी यहां दांव लगाया होगा वो अगली चार गेंद में बहुत अमीर बन गया होगा। 
अंतिम ओवर की पहली चार गेंद और लगातार चार छक्के। और वेस्ट इंडीज़ जीत गई। अविश्वसनीय। जबड़े से खींच कर लाई गई जीत इसी को कहते हैं।  बल्लेबाज़ कार्लोस ब्रेथवैट। दस गेंद ३४ रन। एक नया हीरो। जाने कहां से निकल कर आया। इस टूर्नामेंट में वेस्ट इंडीज तकरीबन हर मैच में एक नया हीरो लेकर आई।
किसी विश्व कप का इससे बेहतर अंत नहीं हो सकता था। पूरा पैसा वसूल।
इंग्लैंड की हार पर दुःख। इंग्लैंड टीम अगले कई साल तक नहीं भूल पायेगी कि यह क्या हुआ? कैसे हुआ?
मगर वेस्ट इंडीज की जीत पर बहुत ख़ुशी भी। उनके लिए तो डबल ख़ुशी। आज ही उनके महिला टीम ने भी ऑस्ट्रेलिया को ०८ विकेट से हरा कर महिला विश्व कप जीता है। मैं नहीं चाहूंगा कि किसी को याद दिलाऊं लीग मैच में अफ़गानिस्तान ने वेस्ट इंडीज़ को हरा दिया था। उनकी जीत में भंग नहीं डालूंगा। लोग दकियानूस कहेंगे। कोप का भाजन बनूंगा।

जिस तरह इस मैच का अविश्वसनीय अंत हुआ है मुझे विश्वास हो गया है आज गॉड की सीट पर ज़रूर किसी गैर-गोरी चमड़ी वाले की ड्यूटी रही होगी। आज कैरिबियन देशों में दीवाली जैसी धूम मच रही होगी।
यह जीत सात और आठ के दशक की अजेय वेस्ट इंडीज़ की वापसी की आहट भी है। ज़ाहिर है कि आने वाले वक्त में अब बाकी टीमें वेस्ट इंडीज से दहशत खायेंगी। कोई इसे क्लब टीम मानने की ग़लती नहीं करेगा।
और यों भी क्रिकेट के पितामाह को हराने का मज़ा ही कुछ और होता है।

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03-04-2016 mob 7505663626
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