Tuesday, March 28, 2017

तलाक़ का ग्राउंड

- वीर विनोद छाबड़ा
यों भी जब किसी महिला की कोर्ट में पेशी होनी हो तो भीड़ लग जाती है। और फिर उस दिन तो महिला भी खूबसूरत थी और मुद्दा था तलाक़। झलक पाने के लिए कई उम्रदराज़ विधुर और तलाकशुदा उम्मीदवार भी मंडराने लगे। केस कई महीनों से चल रहा था। महिला की शिक़ायत थी कि वक़ील साहब फ़ैसला ही नहीं होने देना चाहते। जज साहब ने सीधे महिला से जिरह करने का फैसला किया।
दिलचस्प मंज़र।
जज साहब ने चश्मे के पीछे से महिला को भरपूर नज़रों से निहारा - हां, तो मोहतरमा, यह बताएं कि तलाक़ की ग्राउंड क्या है?
महिला ने फुर्ती से जवाब दिया - जनाब, दो एकड़ में फैला एक आलिशान बंगला और...
जज साहब ने मुस्कुराते हुए बात काटी - आप समझीं नहीं। ग्राउंड से मेरी मुराद यह है कि ज़मीन क्या है?
महिला - वही तो मैं अर्ज़ कर रही थी कि आपने टोक दिया। हां, तो मैं बता रही थी कि दो एकड़ ज़मीन पर आलिशान बंगला और साथ में आम और अमरूद का बगीचा भी है।
जज साहब समझ गए किसी बेवकूफ़ पाला पड़ा है। आधा दिमाग रोज़ घरवाली खाली करती ही है। आज बाकी दिमाग यहां पहले ही केस में हो जाना है। उन्होंने महिला को समझाने की कोशिश की - देखिये, मैं जो पूछ रहा हूं, उसे ध्यान से सुनिए और समझने की कोशिश करें। ज़मीन से मेरी मुराद है कि आधार क्या है? यानि नींव क्या है?
महिला ने सर हिलाया - अच्छा, अच्छा। अब मैं समझी। आधार, मतलब नींव। नींव तो बहुत गहरी है, पक्की कंक्रीट की बनी है। चिंता की कोई ज़रूरत नहीं। इस पर चार-पांच मंज़िल तो आराम से खड़ी हो सकती हैं।
जज साहब बुरी तरह झल्ला गए - मोहतरमा, मैं जो मैं आपसे पूछ रहा हूं उसका सीधा-सीधा जवाब दीजिये... हां, तो बताईये, आप तलाक़ क्यों लेना चाहती हैं?

महिला बहुत शांति से बोली - जनाब वही तो मैं भी कह रही हूं कि तलाक़ हमको नहीं हमारे हसबैंड को चाहिए।
जज साहब ने गुस्से से अपना सर मेज़ पर पटक दिया। उनके मुंह से झाग निकलने लगी। महिला के पति की ओर सहानुभूतिपूर्वक मुख़ातिब हुए - यार, कैसे रहते हो तुम पागल के साथ।
महिला का पति चीखा - ठीक पहचाना आपने। यही, यही पागलपन ही तो वजह है हुज़ूर। आपने तो सिर्फ आज देखा है। मैं तो दस बरस से रह रहा हूं।
जज साहब ने तलाक़ की अर्ज़ी नामंजूर कर दी। जजमेंट में उन्होंने लिखा - ऐसे ही पागलपन को अगर तलाक़ की वज़ह माना जाएगा तो मेरे सहित तीन-चौथाई दुनिया मर्दों की तलाक़ की अर्ज़ियां मंज़ूर करनी होंगी।

नोट - महिलाओं से क्षमायाचना सहित। 
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28-03-2017 mob 7505663626
D-2290 Indira Nagar
Lucknow - 226016

1 comment:

  1. हा हा हा
    पागलों की वजह से गृहस्थी बचती है
    सुंदर लेखन

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