Friday, December 2, 2016

ये मिश्रा लोग भी जो हैं न.…

- वीर विनोद छाबड़ा 
हमारी ज़िंदगी मिश्रा लोगों ने बहुत प्रभावित है। इनमें से सबसे पहले वाले मिश्रा तो हमारी नौकरी में सूत्रधार बने हैं। 
लेकिन यह जो लेटेस्ट मिश्रा है, उसकी वज़ह से नाक में बहुत दम है। ज़िंदगी हलकान रहती है दिन भर। पड़ोस में रहता है। 

रोज़ देर शाम दफ़्तर से लौटता है। तरह-तरह के सामानों से लदा हुआ। इसमें सब्ज़ी-तरकारी और अनाज प्रमुख है। यह सब तो ठीक है। उसकी ज़िंदगी है। जैसी मर्ज़ी हो, जिये। जब उसकी श्रीमती को ऐतराज़ नहीं तो हम कौन होते हैं, बीच में टांग अड़ाने वाले। परेशानी तो तब होती है जब वो हर सामान बाज़ार भाव से कम पर लाने का दावा करता है। उसके इस दावे पर उसकी श्रीमती  इतराती है। लेकिन हमारी और मोहल्ले की तमाम अन्य श्रीमतियां इस पर चकित होती हैं और सच भी समझती हैं। अभी कल की बात है। अरहर सौ रूपये किलो और प्याज पंद्रह रूपए किलो ख़रीद कर लाया है। 
हमारी वाली तो भरी सभा में मेरी ओर इशारा करती हुई कहती हैं - और एक ये हैं। निट्ठल्लों की तरह दिन भर पड़े-पड़े सोते हैं। रात भर निशाचरों की भांति फेसबुक पर जाने क्या निहारा और चाटा करते हैं। बत्ती चली जाती है तो टार्च लेकर बत्ती वालों के साथ फाल्ट तलाशते के लिए पेट्रोलिंग करते हैं। छोटा-मोटा बिजली का काम भी जानते हैं। उस रात दो बजे दुबे जी के घर की बत्ती चली गयी। मिश्रा जी जाकर फ्यूज़ बांधे थे। नहीं तो सारी रात गर्मी में तड़पते। सीवर लाईन किसी की भी ख़राब हो लेकिन दर्द मिश्रा जी को महसूस होता है। ठीक करा कर ही मानते हैं। अरे, कुछ सबक लो अपने मिश्रा जी से, थोड़ा सोशल बनो।  

हमने श्रीमती जी को समझाने की बहुत कोशिश करते हैं - यह मिश्रा फ्रॉड है। सरासर झूठ बोल कर बाजार भाव बिगाड़ रहा है। दरअसल, ये मिश्रा सठियाने की दिशा की और अग्रसर है। पांच बजे दफ़्तर छोड़ देता है। फिर दो घंटे हज़रतगंज में शंटिंग करता है। सुंदर महिलाओं को निहारता है। आई टॉनिक ग्रहण करता है। उल्लू है यह, घुप्प अंधेरे में भी देख लेता है। और फिर यह फ्यूज़ बांधना कौन बड़ा कमाल है? हमारे तो बाएं हाथ का काम है। किसी अंधे को ज़बरदस्ती सड़क क्रॉस करा देना कोई सोशल वर्क है क्या? पत्नी देर से आने का एक्सप्लेनेशन न मांगे, इसलिए सामान के दाम आधे बता कर बेवकूफ़ बनाता है। 
लेकिन हमारी श्रीमती  यकीन नहीं करती - बहुत सीधे हैं मिश्रा जी। कभी आंख उठा कर भी किसी को नहीं देखते। यह बात हम लेडीज़ से बेहतर कोई नहीं जानता। कौन कैसा है, और किधर देखा करता है, हम सब जानती हैं। आप तो सबको अपनी तरह समझते हैं। 
अब हम कैसे समझायें कि ये सारे पतिदेव ऐसे ही होते हैं। उल्लू बनाते हैं।
---
02-12-2016 mob 7505663626
---
D-2290 Indira Nagar
Lucknow - 226016

No comments:

Post a Comment